निदेशालय के एकक
निदेशालय अपने उद्देश्यों की पूर्ति के लिए और अपने क्रिया-कलापों को आगे बढ़ाने के लिए विभिन्न विशिष्ट एककों के माध्यम से कार्य करता है। निदेशालय में निम्नलिखित एकक हैं :
विज्ञापन एवं प्रचार-प्रसार
विज्ञापन एवं प्रचार-प्रसार किसी विशेष लक्ष्य को पाने हेतु लोगों को एकजुट करने की महत्वपूर्ण गतिविधि है। प्रौढ़ शिक्षा निदेशालय देश में जारी साक्षरता कार्यक्रमों को जनसंचार के माध्यमों से सहयोग प्रदान करता है। इस एकक का ध्येय जनसंचार के विभिन्न माध्यमों अर्थात् इलेक्ट्रॉनिक, प्रिंट, लोक कार्यक्रम, पारस्परिक सहयोग आदि की सहायता से मीडिया (जनसंचार) अभियान चलाता है। यह ऑल इंडिया रेडियो, डिजिटल सिनेमा थियेटर्स, रेलवे टिकट्स, बस पैनल्स, समाचार-पत्रों आदि के माध्यम से राष्ट्रीय स्तर का अभियान चलाता है, ताकि देशभर में प्रौढ़ शिक्षा कार्यक्रमों के कार्यान्वयन में एवं शिक्षार्थियों एवं स्वयंसेवी शिक्षकों को इस मुहिम से जोड़ने के लिए एक समुचित वातावरण का निर्माण हो सके। मीडिया एकक उपयुक्त स्तर पर प्रचार सामग्री की सहायता से राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण, जिला, ब्लॉक एवं ग्राम पंचायत स्तर, लोक शिक्षा समितियों की गतिविधियों के संचालन को सहज बनाने का कार्य भी करती है। इसका उद्देश्य साक्षरता की जरूरतों के मुताबिक उपयुक्त वातावरण तैयार करना है।
विज्ञापन एवं प्रचार-प्रसार एकक प्रौढ़ शिक्षा कार्यक्रम हेतु विज्ञापन एवं प्रचार-प्रसार संबंधी मीडिया गतिविधियों के लिए महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। लोगों को प्रेरित व सक्रिय करने तथा प्रमाणों के प्रलेखन के उद्देश्य से यह एकक पेशेवर जनसंचार एजेंसियों के माध्यम से सफलता की कहानियों एवं वृत्तचित्रों पर दृश्य-श्रव्य कार्यक्रम तैयार करता है। उद्देश्यों के अनुरूप बड़े सूझ-बूझ एवं आकर्षक ढंग से तैयार किए गए स्पॉट्स और कार्यक्रम दूरदर्शन के राष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय चैनलों तथा ऑल इंडिया रेडियो पर प्राइम टाइम में प्रसारित किए जाते हैं। यह एकक देश में प्रौढ़ शिक्षा कार्यक्रमों को बढ़ावा देने के लिए मुद्रित विज्ञापनों का भी उपयोग करता है।
पाठ्य सामग्री निर्माण
पाठ्य सामग्री निर्माण एकक पर बुनियादी साक्षरता और सतत् शिक्षा कार्यक्रम हेतु आदर्श सामग्री और साक्षरता संबंधी सामग्री निर्माण के लिए दिशा-निर्देश तैयार करने का दायित्व है। प्रौढ़ शिक्षा निदेशालय गुणवत्ता आश्वासन समिति के माध्यम से विभिन्न एजेंसियों द्वारा तैयार की गई पठन-पाठन सामग्री की जांच कर अनुमोदित करता है। प्रौढ़ शिक्षा निदेशालय निरक्षरों एवं नवसाक्षरों हेतु बुनियादी एवं पठन-पाठन सामग्री विकसित करने के मापदण्डों के आधार पर सामग्री निर्माण हेतु कार्यशालाओं का भी आयोजन करता है।
गुणवत्ता मॉनीटरिंग एवं मूल्यांकन
गुणवत्ता मॉनीटरिंग एवं मूल्यांकन एकक कार्यक्षेत्र से एकत्रित सूचना के संग्रहण एवं संकलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। कार्यक्रमों की खूबियों और कमियों को जानने के लिए मॉनीटरिंग और समीक्षा आवश्यक होती है। इससे उन आवश्यक उपायों में मदद मिलती है जो लक्ष्य को अधिक से अधिक व्यावहारिक बना सके और उनका प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित कर सके। यह एकक साक्षरता कार्यक्रम के कार्यान्वयन की गुणवत्ता को मॉनीटर करता है। साक्षर भारत जिलों में राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी संस्थान के माध्यम से देशव्यापी स्तर पर बुनियादी साक्षरता परीक्षा के आयोजन का दायित्व भी प्रौढ़ शिक्षा निदेशालय पर है। मॉनीटरिंग एकक संबंधित राज्यों/परामर्शदाताओं से मॉनीटरिंग रिपोर्ट एकत्रित करता है।
मूल्यांकन साक्षरता कार्यक्रमों का एक अनिवार्य अंग है। प्रौढ़ साक्षरता कार्यक्रम के उद्देश्यों की पूर्ति हेतु निदेशालय द्वारा वस्तुनिष्ठ मूल्यांकन के लिए कई ठोस कदम उठाए गए हैं। मूल्यांकन एकक समय-समय पर विभिन्न विषयों की व्यावसायिक/एजेंसियों के माध्यम से बाह्य मूल्यांकन कराता है और तदुपरान्त उसका संकलन भी करता है।
केस स्टंडी एवं अनुसंधान
इस एकक पर मुख्य रूप से बाह्य एजेंसियों जैसे गैर-सरकारी संगठनों, सरकारी संस्थानों आदि की सहायता से शोध करने का दायित्व है। शिक्षा विशेषज्ञ विभिन्न विषयों जैसे कि जनजातीय लोगों से संबंधित विषय, लिंग भेद, जाति (अ.जा.,अ.ज.जा.,अ.सं.) आबादी मामलों एवं तकनीक, पंचायती राज संस्थान, पठन-पाठन सामग्री आदि पर केस स्टडी करते हैं। इनके आधार पर निर्मित रिपोर्टें एवं उनके परिणामों को सभी संबंधितों के मध्य प्रचारित-प्रसारित करता है।
प्रशिक्षण
प्रशिक्षण एकक प्रौढ़ शिक्षाकर्मियों के मध्य प्रशिक्षण एवं निर्देशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। कार्यकर्ताओं, जैसे कि मुख्य संसाधकों, प्रशिक्षकों के लिए प्रशिक्षण सामग्री तैयार करने का दायित्व भी इस एकक पर है। राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण और जिला प्रौढ़ शिक्षा अधिकारियों के लिए संगोष्ठी, कार्यशालाएं और क्षमता निर्माण कार्यक्रमों का आयोजन करना इस एकक का प्रमुख कार्य है।
प्रकाशन
प्रकाशन एकक साक्षरता एवं प्रौढ़ शिक्षा के क्षेत्र में विभिन्न प्रकार की सामग्रियों का प्रकाशन करता है। इनमें सफलता की कहानियां, नीतिगत पुस्तकें, सांख्यिकी आंकड़ों आदि पर आधारित पुस्तकों का प्रकाशन शामिल है। पुस्तकों को प्रेस भेजने से पूर्व इनके पाण्डुलिपि निर्माण आदि का कार्य निदेशालय में ही किया जाता है। प्रकाशन के उपरान्त पुस्तकों/सामग्रियों को देशभर के संबंधित पाठक वर्गों में वितरित किया जाता है।
राजभाषा
निदेशालय का राजभाषा एकक भारत सरकार की राजभाषा नीति का क्रियान्वयन सुनिश्चित करने की दिशा में कार्य करता है। यह एकक सरकारी कामकाज में हिन्दी भाषा का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित करता है। हिन्दी भाषा को लागू करने में यह एकक कर्मचारियों के लिए प्रशिक्षण भी आयोजित करता है। यह समय-समय पर राजभाषा नीति पर संगोष्ठियां/कार्यशालाएं भी आयोजित करता है। हिन्दी पखवाड़े के अवसर पर सरकारी कामकाज में हिन्दी भाषा के प्रगामी प्रयोग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से निदेशालय के विभिन्न अधिकारियों/कर्मचारियों के लिए प्रतियोगिताओं का आयोजन भी किया जाता है।
पुस्तकालय
प्रौढ़ शिक्षा निदेशालय के पुस्तकालय में विभिन्न विषयों की पुस्तकों का समृद्ध संग्रह उपलब्ध है। पुस्तकालय निदेशालय के प्रकाशनों का कैटलॉग भी तैयार करता है और इसे पाठकों के संदर्भ हेतु अद्यतन रखता है। इस पुस्तकालय में विभिन्न भाषाओं की पत्र-पत्रिकाएं भी उपलब्ध है। यह प्रौढ़ शिक्षा निदेशालय के एक दस्तावेज़ीकरण और संदर्भ खंड के रूप में काम करता हैं।
प्रशासन और लेखा
प्रशासन और लेखा एकक प्रौढ़ शिक्षा निदेशालय के कार्मिकों से संबंधित सभी प्रशासनिक एवं वित्त संबंधी कार्यों का निपटान करता है। यह निदेशालय की विभिन्न प्रशासकीय और वित्तीय गतिविधियों में सहयोग प्रदान करता है। यह एकक समयबद्ध ढंग से दक्षता के साथ सभी प्रशासनिक एवं वित्तीय मामलों को भली-भांति संभालता है।